मंगलवार, अगस्त 10, 2010

...जब रूठ गयी अमेठी

इतिहास से/ दिलचस्प मुकाबले...

अमेठी की जनता नेहरु/ गाँधी परिवार को सिर-आँखों पर बिठाती रही है, लेकिन यह मुहब्बत एक बार गड़बड़ा गयी. साल था 1977. जनता नाराज थी और नेहरु परिवार इस बात से बेखबर कि अगले 25 महीनों तक उसे बनवास झेलना पड़ेगा. 18 महीने की इमरजेंसी और 28 महीने का बनवास. 1977 के आम चुनावों में इस सीट से 'युवा ह्रदय सम्राट' संजय गाँधी को पराजय का सामना करना पड़ा. यह चुनाव एतिहासिक था. अमेठी सीट पर पूरे विपक्ष की निगाह थी. यहाँ से संजय गाँधी चुनाव लड़ रहे थे. उनके प्रतिद्वंदी जनता पार्टी के रविन्द्र प्रताप थे. संजय गाँधी की 76 हजार से अधिक मतों से हार हुई.
रविन्द्र प्रताप को 176410 और संजय गाँधी को 100566 मत मिले. जनता पार्टी के उम्मीदवार को 60 .47 फीसद और संजय गाँधी को 34.47 फीसद मत मिले. 1980 के लोकसभा चुनाव में संजय गाँधी अमेठी संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए. केवल दो चुनावों में यहाँ कांग्रेस के प्रत्याशी की पराजय हुई. 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार ने संजय गाँधी को परास्त किया. 1998 में भारतीय जनता पार्टी के संजय सिंह ने कांग्रेस को शिकस्त दी. इन दो मौकों को छोड़कर इस संसदीय सीट पर कांग्रेस का ही प्रभुत्व रहा है. 1977 में कांग्रेस की पराजय का प्रमुख कारण 1975 में देश में आपातकाल लागू था. अमेठी की जनता संजय गाँधी को इमरजेंसी का प्रमुख गुनाहगार मानती थी. 1998 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार का मुख्य कारण देश की राजनीति में गाँधी परिवार की निष्क्रियता थी. दरअसल, राजीव गाँधी की हत्या के बाद सोनिया ने राजनीति को अलविदा कह दिया था. इस राजनीतिक निष्क्रियता ने अमेठी की जनता का कांग्रेस से मोहभंग किया. 1999 में सोनिया गाँधी ने भी उस निष्ठा का सम्मान किया और आम चुनाव में अमेठी से लड़ी. अमेठी की जनता ने एक बार फिर गाँधी परिवार में आस्था जताते हुए सोनिया को भरी मतों से विजयी बनाया. इस चुनाव में विपक्षियों की जमानत जप्त हो गयी.
अमेठी से पुराना नाता
बहुत कम लोग जानते होंगे कि नेहरु और गाँधी परिवार के प्रति निष्ठा की जडें काफी पुरानी हैं. पंडित जवाहरलाल नेहरु के पिता और इंदिरा गाँधी के दादा मोती लाल नेहरु ने अपने वकालत की शुरुआत अमेठी से ही की थी. बाद में वे इलाहाबाद आ गए. यही कारण है कि चुनावी धरातल की तलाश में गाँधी परिवार ने अमेठी को ही प्रमुखता दी. इस परिवार के चार सदस्य यहाँ से चुनाव लड़े और विजयी भी हुए. संजय गाँधी, राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी अमेठी लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

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