शुक्रवार, दिसंबर 31, 2010

2011 होगा शताब्दी का अनूठा वर्ष

नव वर्ष 2011 इस दृष्टि से शताब्दी का अनूठा वर्ष है कि इसके एक दिन की तिथि, माह तथा वर्ष की संख्याओं से एक के अंक का छक्का लगता है।

यह तिथि है 11 नवम्बर, 2011 जब तिथि माह एवं वर्ष को 11-11-11 के रूप में दर्शाया जाएगा। ऐसी स्थिति शताब्दी में केवल एक बार आती है। इस वर्ष के कुल चार दिनों की तिथि-माह तथा वर्ष सभी में केवल एक का अंक रहेगा। इसकी शुरुआत वर्ष के पहले दिन एक जनवरी 1-1-11 से हो रही है। एक के अंक के छह बार आने की युति पिछली बार 1911 की इसी तिथि को थी आैर अगली बार सन 2111 में होगी। अत: इसे शताब्दी युति कहा जा सकता है।


इससे पहले चार युतियों के मामले में 2001 में भी स्थिति 2011 के निकट थी, किन्तु अंतर यह था कि तब चारो युतियों में एक के अंक की आवृत्ति 2011 के मुकाबले एक एक कम थी। यानी 11 नवम्बर को अधिकतम आवृति पांच ही थी 11-11-1 अगली बार दो फरवरी 2022 को तिथि, माह एवं वर्ष को 2-2-22 के रूप में दर्शाया जाएगा। वर्ष 2022 में दो की संख्या की अधिकतम पांच आवृत्तियां 22 फरवरी 22-2-22 को होगी। उस वर्ष केवल एक ही संख्या यानी दो से बनने वाली तिथि, माह एवं वर्ष की युति केवल इन्हीं दो दिनों में देखने को मिलेगी। इस प्रकार केवल एक संख्या से चार बार उपर्युक्त युतियां 2001 के बाद 2011 में ही बन रही है, जबकि अधिकतम छह बार उसी संख्या यानी एक की आवृत्ति होना तो 2011 को शताब्दी का अनूठा वर्ष ही बना देता है।


इस पूरी शताब्दी में एक ही अंक की आवृत्तियों से बनने वाली ऐसी युतियां इस प्रकार है-

 
         तिथि                               युति

  • -1 जनवरी, 2001                           1-1-1


  • -11 जनवरी, 2001                          11-1-1


  • -1 नवम्बर, 2001                             1-11-1


  • -11नवम्बर, 2001                           11-11-1


  • -2 फरवरी, 2002                               2-2-2


  • -22 फरवरी, 2002                            22-2-2


  • -3 मार्च, 2003                                      3-3-3


  • -4 अप्रैल, 2004                                   4-4-4


  • -5 मई, 2005                                       5-5-5
                      
  • -6 जून, 2006                                      6-6-6


  • -7 जुलाई, 2007                                  7-7-7


  • -8 अगस्त, 2008                                8-8-8


  • -9 सितम्बर, 2009                             9-9-9





2011

  • -1 जनवरी, 2011                                1-1-11

  • -11 जनवरी, 2011                              11-1-11


  • -1 नवम्बर, 2011                               1-11-11

  • -11 नवम्बर, 2011                             11-11-11

2022


  • -2 फरवरी, 2022                                2-2-22


  • -22 फरवरी, 2022                            22-2-22


  • -3 मार्च 2033                                   3-3-33


  • -4 अप्रैल, 2044                                4-4-44


  • -5 मई, 2055                                     5-5-55


  • -6 जून, 2066                                    6-6-66


  • -7 जुलाई, 2077                                7-7-77


  • -8 अगस्त 2088                               8-8-88


  • -9 सितम्बर, 2099                            9-9-99

शनिवार, दिसंबर 25, 2010

2010 : कुछ उजले, कुछ स्याह अक्स

2010 : कुछ उजले, कुछ स्याह अक्स
भ्रष्टाचार आैर रिश्वतखोरी जैसे आरोपों के बीच देशवासियों के लिए इस वर्ष कुछ खबरें राहत देने वाली भी रहीं हैं। मसलन भारत में शराब पीने वालों की तादाद दुनिया के कई देशों से काफी कम आंकी गई। बेंगलुरू का आईआईएम विश्व के शीर्ष 25 प्रबंधन संस्थानों में शामिल किया गया। जयपुर के एक थाने को एशिया का सर्वश्रेष्ठ थाना करार दिया गया। जाते बरस में भारत इसी तरह के अच्छे बुरे कई कारणों से खबरों में रहा है।
उजले अक्स

वेधशाला ने बढ़ाया नाम : राजस्थान के जयपुर में 18वीं सदी में निर्मित खगोलीय वेधशाला को यूनेस्को ने इस साल विश्व विरासत स्थल का दर्जा दे दिया।
वेधशाला का निर्माण महाराजा जयसिंह द्वितीय ने वर्ष 1727 से वर्ष 1734 के दौरान कराया था।


मैसूर भी रहा सुर्खियों में : 'महलों के शहर" के नाम से मशहूर मैसूर को न्यूयार्क टाइम्स ने इस साल घूमने के लिए 31 सबसे अच्छे शहरों की सूची में चौथे पायदान पर रखा। इस सूची में 13 वें स्थान पर मुंबई है।


बेहतर रहा आईआईएम बेंगलुरू : फ्र ंस के वार्षिक सर्वेक्षण में भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरू (आईआईएम-बी) को विश्व के शीर्ष 25 बिजनेस स्कूलों में शुमार किया गया। इसे 24वें पायदान पर रखा गया है। आईआईएम अहमदाबाद को 55वें पायदान पर रखा गया है।


विधायकपुरी थाना श्रेष्ठ : विश्व में सार्वजनिक सुरक्षा, न्याय आैर मानवाधिकार क्षेत्र में काम करने वाली न्यूयार्क की संस्था एटलस ग्लोबल एलियांस ने गुलाबी नगरी जयपुर के विधायकपुरी थाने को इस साल एशिया का सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाना चुना है।


धूम्रपान निषेध की उजली तस्वीर : ब्रिाटेन के एक सर्वेक्षण के हवाले से लिखा है कि मदिरापान में ब्रिाटेन के लोग सबसे आगे हैं, जबकि भारतीय सबसे कम शराब पीते हैं। इनमें 27 प्रतिशत लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने शायद ही कभी शराब को हाथ लगाया हो।


महिलाओं की हालत में बेहतर सुधार : सेंटर फॉर वर्क लाइफ पालिसी की दिसम्बर में जारी रिपोर्ट 'बैटल ऑफ फीमेल टैलेंट इन इंडिया" मंे कहा गया है कि 80 प्रतिशत भारतीय महिलाएं अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए हर समय कुछ नया कर गुजरने को तैयार रहती हैं। अमेरिकी महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 52 प्रतिशत है।

 
धंुधले अक्स


रिश्वत देने में नंबर वन : बर्लिन की गैर सरकारी एजेंसी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2010 में सबसे ज्यादा रिश्वत अफगानिस्तान, कंबोडिया, कैमरून, भारत, इराक, लाइबेरिया, नाइजीरिया, फलस्तीन, सेनेगल, सियरा लियोन आैर युगांडा में दी गई। भारत में 54 फीसदी लोगों ने अपने कार्यों के लिए रिश्वत दी।


'डर्टी डॉजन" में दूसरे स्थान पर भारत : कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी सोफोस ने 29 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत दुनिया भर में स्पैम या जंक मेल भेजने वाले 'डर्टी डॉजन" में दूसरे स्थान पर है। 'पांडा लैब्स" के एक अध्ययन के मुताबिक, दुनिया भर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के पास जो 'स्पैम" यानी अवांछित ई-मेल आते हैं उनमें दूसरी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भारत की होती है।


भारतीय संसद : हंगामे का नया इतिहास

 पिछले कई सालों की तरह इस साल भी संसद के सत्रों में  हंगामा, व्यवधान  स्थगन का सिलसिला जारी रहा, लेकिन इस महीने 13 तारीख को संपन्न शीतकालीन सत्र का पहला दिन छोड़ कर पूरा की पूरा हंगामे की भेंट चढ़ जाने से भारतीय संसद का एक नया इतिहास लिखा गया।
-आंकड़ें बताते हैं कि शीतकालीन सत्र 1985 में आठवीं लोकसभा से संपन्न पिछले 82 सत्रों में पहला ऐसा सत्र था जिसमें संसद के निचले सदन लोकसभा ने 22 बैठकों के उपलब्ध समय में से मात्र सात घंटे 37 मिनट यानी 5.5 फीसदी आैर राज्यसभा ने मात्र दो घंटे 44 मिनट यानी 2.4 फीसदी समय का ही उपयोग किया, जबकि बाकी का सारा समय 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की विपक्ष की मांग के हंगामे की भेंट चढ़ गया।
-इस पूरे साल संसद का अधिकांश कामकाजी समय हंगामे की भेंट चढ़ा तो वहीं सांसदों द्वारा खुद अपने वेतन भत्ते बढाने संबंधी विवादास्पद विधेयक को पारित किए जाने की भी मीडिया में काफी चर्चा रही।
- इस वर्ष राज्यसभा द्वारा महिला आरक्षण संबंधी विधेयक को पारित किया जाना एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। हालांकि लोकसभा में पारित नहीं हो सकने के कारण यह लागू नहीं हो सका।
-संसदीय कामकाज के लिहाज से वर्ष की शुरुआत ही काफी निराशाजनक रही। 22 फरवरी से शुरू होकर सात मई तक चले बजट सत्र में मात्र तीन मंत्रालयों की अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर चर्चा की गई, जबकि बाकी सभी मंत्रालयों की अनुदान की अनुपूरक मांगों तथा अन्य विधायी कामकाज को गिलोटिन के जरिए निपटाया गया।
- संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र में सरकार ने 27 विधेयकों को पारित कराने की योजना बनाई थी, लेकिन मात्र छह विधेयकों को ही पारित किया जा सका। बजट सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक पारित किए गए। इसमें से पांच विधेयकोें पर 15 मिनट से भी कम समय की चर्चा कराई गई। इनके अलावा, 31 अगस्त को समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में सांसदों के वेतन वृद्धि आैर परमाणु दायित्व विधेयक पारित किए गए। दोनों ही विधेयक काफी चर्चित रहे।
- इस सत्र में सरकार ने दोनों ही सदनों में 35 विधेयक पेश करने की योजना बनाई थी लेकिन 23 विधेयक ही पेश किए जा सके। 33 विधेयकों को पारित कराने की योजना के स्थान पर केवल 21 विधेयकों को पारित किया गया। भारतीय संसद के इतिहास में यह अब तक का सबसे लंबा गतिरोध था।
- 1987 में बोफोर्स मामले में जेपीसी की मांग पर संसद में 45 दिन हंगामा हुआ था, लेकिन तब भी इस बार की तरह संसद का कामकाज पूरी तरह ठप नहीं हुआ था। संसद के इस सत्र के दौरान कायम रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी गहरी चिंता जताते हुए कहा था कि उन्हें संसदीय प्रणाली के भविष्य को लेकर ही चिंता हो रही है।