मंगलवार, मार्च 08, 2011

100वें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी 
                         98वें स्थान पर भारत



इस साल 31 जनवरी को जारी आईपीयू की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के मामले में पड़ोसी पाकिस्तान और नेपाल सहित बहुत से देशों से पीछे है और विश्व में इसका 98वां स्थान है। पाकिस्तान का विश्व में 51वां स्थान है जहां निचले सदन में 22.2 प्रतिशत और ऊपरी सदन में 17 प्रतिशत महिला सांसद हैं। इस मामले में नेपाल की स्थिति काफी बेहतर है और  उसने दुनिया में 18वां स्थान हासिल किया है। नेपाल की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 33.3 फीसद है ।
विश्व में लोकतंत्र शांति और  सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय समूह 'इंटर पार्लियामेंटरी यूनियन" (आईपीयू) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में लोकसभा में महिलाओं का सिर्फ 11 प्रतिशत और  राज्यसभा में केवल 10.7 प्रतिशत प्रतिनिधित्व है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकसभा के 544 सदस्यों में से सिर्फ 60 महिला प्रतिनिधि हैं, जबकि 242 सदस्यों वाली राज्यसभा में महिलाओं की संख्या केवल 26 है। भारत बेनिन और जॉर्डन एक ही स्थान पर हैं, लेकिन भारत इस मामले में पाकिस्तान से 47 और  नेपाल से 80 पायदान नीचे है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की 100वी वर्षगांठ पर हिलेरी ने आज कहा, 'अमेरिका महिलाओं को विदेश नीति का आधार स्तंभ बनाए रखेगा। यह सिर्फ सही ही नहीं बल्कि बुद्धिमत्तापूर्ण भी है।" हिलेरी ने उर्दू सहित दस भाषाओं में जारी अपने बयान में कहा, 'महिलाएं और  लड़कियां हमारी अर्थव्यवस्था को चलाती हैं। वे शांति और समृद्धि का निर्माण करतीं हैं। उनमें निवेश का मतलब है समूची दुनिया की अर्थव्यवस्था, राजनीतिक स्थायित्व और विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अधिकाधिक उन्नति में निवेश करना।""
उन्होंने कहा, 'वर्ष 1995 के बीजिंग सम्मेलन में मेरे संदेश, मानवाधिकार महिलाओं के अधिकार हैं और महिलाओं के अधिकार मानवाधिकार हैं को मिली सकारात्मक प्रतिक्रि या से मैं बहुत खुश थी। लेकिन 16 साल बाद भी महिलाएं गरीबी, युद्ध, बीमारियों और भुखमरी से जूझ रहीं हैं।" हिलेरी ने कहा कि साफ है कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और आगे बढ़ने के लिए इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की जरुरत है।


"पंख भी है, खुला आकाश भी है, फिर ये न उड पाने की मजबूरी कैसी "
                         मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष

शनिवार, मार्च 05, 2011

बोफोर्स तोप सौदे का पूरा घटनाक्रम


बोफोर्स तोप दलाली : कब क्या हुआ

-24 मार्च 1986 : भारत सरकार और स्वीडन की हथियार बनाने वाली कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 155mm की 400 होवित्जर फील्ड गन की आपूर्ति के लिए 15 अरब अमेरिकी डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट।
-16 अप्रैल 1987: स्वीडिश रेडियो ने रहस्योद्घाटन किया कि बोफोर्स खरीद में घूस के तौर पर एक बड़े भारतीय नेता और सेना के अधिकारियों को भारी रकम दी गई। स्विट्जरलैंड के बैंक खाते में जमा कराई गई दलाली की राशि।
-20 अप्रैल 1987: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लोकसभा को आश्वस्त किया कि बोफोर्स मामले में कोई बिचौलिया नहीं था और किसी को कोई दलाली नहीं दी गई।
-6 अगस्त 1987 : मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन।
-22 जनवरी 1990 : सीबीआई ने बोफोर्स मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरु की।
-17 फरवरी 1992 : पत्रकार बो एंडरसन ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट में बोफोर्स में दी गई दलाली का खुलासा किया।
-12 जुलाई 1993 : स्विज अदालत ने कहा कि भारत को स्विस बैंक के वे दस्तावेज दिए जाएं, जो बोफोर्स की दलाली की रकम का खुलासा करते हैं।
-29/30 जुलाई 1993 : बोफोर्स कांड की दलाली में कथित रूप से मुख्य भूमिका निभाने वाला इटली का व्यावसायी क्वात्रोची गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत से भागा।
-21 जनवरी 1997 : चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद बर्न में स्विज बैंक के करीब 500 पेजों के गोपनीय दस्तावेज भारतीय अधिकारियों को सौंपे गए।
-30 जनवरी 1997 : सीबीआई ने जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया।
-10 परवरी 1997 : सीबीआई ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी से पूछताछ की।
-22 अक्टूबर 1999 : सीबीआई ने विन चड्ढा, क्वात्रोची, पूर्व रक्षा सचिव एसके भटनागर और बोफोर्स के पूर्व प्रमुख मार्टिन अर्बदो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। आरोपियों में राजीव गांधी के नाम का हवाला ऐसे व्यक्ति के रूप में था, जिनका ट्रायल नहीं हो सकता। राजीव गांधी की 1991 में हत्या हो गई थी।
-7 नवंबर 1999 : ट्रायल कोर्ट ने क्वात्रोची के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
-जनवरी 2000 : क्वात्रोची ने सुप्रीम कोर्ट में वकील के जरिए अपील की कि उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई के सामने पेश होने को कहा, जिससे उन्होंने इंकार कर दिया.
-18 मार्च 2000 : विन चड्ढा ट्रायल के लिए भारत आए।
-20 दिसंबर 2000 : क्वात्रोची की मलेशिया में गिरफ्तारी, लेकिन जमानत पर रिहा।
-24 अक्टूबर 2001: विन चड्ढा की हार्ट अटैक से मौत।
-2 दिसंबर 2002 : मलेशिया की अदालत ने भारत के क्वात्रोची के प्रत्यर्पण की मांग ठुकराई।
-28 जुलाई 2003 : ब्रिटेन ने क्वात्रोची के बैंक एकाउंट जब्त किए।
-4 फरवरी 2004 : दिल्ली हाईकोर्ट ने राजीव गांधी का नाम बोफोर्स आरोपियों की सूची से हटाने के आदेश दिए।
-31 दिसंबर 2005 : सीबीआई ने माना कि उन्हें क्वात्रोची के लंदन के दो बैंक एकाउंट की रकम और बोफोर्स की रिश्वत का कोई संबंध नहीं मिला।
-7 जनवरी 2006 : क्वात्रोची के लंदन बैंक के दो फ्रीज एकाउंट फिर शुरु हुए।

-6 फरवरी 2007 : क्वात्रोची को इंटरपोल के नोटिस के बाद अर्जेंटीना में गिरप्तार किया
-24 फरवरी 2007 : दिल्ली कोर्ट ने क्वात्रोची के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
-नवंबर 2008 : क्वात्रोची के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस वापस लिया गया।
-29 सितंबर 2009 :  सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे क्वात्रोची के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले रहे हैं।

-3 जनवरी 2010 : इंकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने कहा कि क्वात्रोची और विन चड्ढा को 23 साल बोफोर्स तोप खरीदी में कमीशन का भुगतान किया गया। यह रकम करीब 41 करोड़ रुपए थ