शनिवार, अगस्त 28, 2010

जब एमएम सहगल को चित किया सुचेता ने

इतिहास से दिलचिस्प मुकाबले

आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली संसदीय सीट पर कांग्रेस की हार हुई. पंडित नेहरु ने शायद ही कल्पना की हो कि यह महत्वपूर्ण सीट उनके हाथ से निकल जायेगी. कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका था. 1952 में नई दिल्ली क्षेत्र में मुकाबला दिलचस्प था. एक तरफ कांग्रेस थी तो दूसरी और सुचेता कृपलानी. एमएम सहगल को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा था. उनकी दिल्ली में अच्छी पकड़ थी. सुचेता कृपलानी ' किसान मजदूर प्रजा पार्टी' (केएमपीपी) की उम्मीदवार थीं. उन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया था. दिल्ली सुचेता के लिए अनजान नहीं थी. सुचेता कांग्रेस प्रत्याशी पर भारी पड़ीं. चुनाव में केएमपीपी को 47735 और कांग्रेस को 40064 मत मिले. सहगल की 7671 मतों के अंतर से पराजय हुई. हालांकि, दिल्ली की अन्य दो सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें