मंगलवार, अक्तूबर 11, 2011

राहुल बोले ..भूख लगी है, पहले खाना खाऊंगायुवराज’ को दरवाजे पर देख निहाल हो गए दलित कुंजीलाल

झांसी   अन्ना की आंधी का गुबार छंटने के बाद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी एक बार फिर पुराने अंदाज में लौट आए हैं। सोमवार की रात उन्होंने उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित मेंढकी गांव में अचानक एक दलित के घर पहुंचकर सबको चकित कर दिया।
रात के साढ़े आठ बजे थे। दलित कुंजी लाल आर्य के घर की कुंडी खटखटाई जाती है। अनमना सा कुंजीलाल दरवाजा खोलता है और दरवाजे पर खड़े कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को देखकर अवाक रह जाता है। चेहरे पर मुस्कान और दलित कुंजीलाल से यह पूछना कि क्या खाना खिलाएंगे, सुनकर वह निहाल हो जाता है। उसकी खुशी और आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता कि वह राहुल गांधी को कहां बैठाए घर के बाहर ही चारपाई डाल दी जाती है और गांधी उसी पर बैठ जाते हैं। देखते-देखते बात पूरे गांव में फैल जाती है कि राहुल दलित कुंजीलाल के घर आए हैं। गांव वालों का जमघट उसके घर के बाहर लग जाता है। गांव वाले कुछ कहें या पूछे इसके पहले ही गांधी बोल पडते हैं ..भूख लगी है पहले खाना खाऊं गा।
गांधी बड़े चाव से भर पेट पूरी और आलू की सब्जी खाते हैं। उसके बाद गांव वालों से उनकी बात शुरू होती है। वह गांव वालों से पहला सवाल करते हैं कि मनरेगा में उन्हें काम मिलता है या नहीं और यदि मिलता है तो मजदूरी कितनी मिलती है। मजदूरी मिलने में देर तो नहीं होती। गांव वाले पूरे दिन काम नहीं मिलने तथा मजदूरी देर से मिलने की शिकायत करते हैं। राहुल बताते हैं कि केंद्र सरकार मनरेगा समेत अन्य योजनाओं के लिए पूरै पैसे देती है और यदि केंद्र की किसी योजना का लाभ लोगों को नहीं मिलता है तो यह राज्य सरकार की कमजोरी है। गांव वालों के साथ वह देर रात तक बातचीत में मशगूल रहते हैं। करीब एक बजे घर के बाहर लगी चारपाई पर लेट जाते हैं। कुछ देर बाद वह सो जाते हैं, जबकि उनके सुरक्षाकर्मी चौकस उनकी चारपाई के पास ही खड़े हैं। सुबह करीब पांच बजे उनकी नींद खुलती है। वह दैनिक क्रिया से निपटने के बाद कुंजीलाल को रात में खाना खिलाने के लिए धन्यवाद देने के साथ ही सर्किट हाऊस रवाना हो जाते हैं।
 इससे पूर्व, सोमवार को झांसी में राहुल ने युवक कांग्रेस के चिंतन शिविर में ज्वलंत मुद्दों पर युवाओं की राय जानने के लिए उनसे करीब ढाई घंटे तक बातचीत की। शहर स्थित एक होटल में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में करीब सौ युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करने पहुंचे राहुल ने गांधीवादी अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक के औचित्य पर युवाओं की राय जानी। कार्यशाला में युवाओं के साथ बातचीत के बाद राहुल को दिल्ली लौट जाना था, लेकिन उन्होंनें अपना कार्यक्रम बदला और रात में यहीं रुकना तय किया। वह सर्किट हाऊस में बुंदेलखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से भी मिले और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनसे बातचीत की।