बोफोर्स तोप सौदे का पूरा घटनाक्रम
बोफोर्स तोप दलाली : कब क्या हुआ
-24 मार्च 1986 : भारत सरकार और स्वीडन की हथियार बनाने वाली कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 155mm की 400 होवित्जर फील्ड गन की आपूर्ति के लिए 15 अरब अमेरिकी डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट।
-16 अप्रैल 1987: स्वीडिश रेडियो ने रहस्योद्घाटन किया कि बोफोर्स खरीद में घूस के तौर पर एक बड़े भारतीय नेता और सेना के अधिकारियों को भारी रकम दी गई। स्विट्जरलैंड के बैंक खाते में जमा कराई गई दलाली की राशि।
-20 अप्रैल 1987: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लोकसभा को आश्वस्त किया कि बोफोर्स मामले में कोई बिचौलिया नहीं था और किसी को कोई दलाली नहीं दी गई।
-6 अगस्त 1987 : मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन।
-22 जनवरी 1990 : सीबीआई ने बोफोर्स मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरु की।
-17 फरवरी 1992 : पत्रकार बो एंडरसन ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट में बोफोर्स में दी गई दलाली का खुलासा किया।
-12 जुलाई 1993 : स्विज अदालत ने कहा कि भारत को स्विस बैंक के वे दस्तावेज दिए जाएं, जो बोफोर्स की दलाली की रकम का खुलासा करते हैं।
-29/30 जुलाई 1993 : बोफोर्स कांड की दलाली में कथित रूप से मुख्य भूमिका निभाने वाला इटली का व्यावसायी क्वात्रोची गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत से भागा।
-21 जनवरी 1997 : चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद बर्न में स्विज बैंक के करीब 500 पेजों के गोपनीय दस्तावेज भारतीय अधिकारियों को सौंपे गए।
-30 जनवरी 1997 : सीबीआई ने जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया।
-10 परवरी 1997 : सीबीआई ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी से पूछताछ की।
-22 अक्टूबर 1999 : सीबीआई ने विन चड्ढा, क्वात्रोची, पूर्व रक्षा सचिव एसके भटनागर और बोफोर्स के पूर्व प्रमुख मार्टिन अर्बदो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। आरोपियों में राजीव गांधी के नाम का हवाला ऐसे व्यक्ति के रूप में था, जिनका ट्रायल नहीं हो सकता। राजीव गांधी की 1991 में हत्या हो गई थी।
-7 नवंबर 1999 : ट्रायल कोर्ट ने क्वात्रोची के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
-जनवरी 2000 : क्वात्रोची ने सुप्रीम कोर्ट में वकील के जरिए अपील की कि उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीबीआई के सामने पेश होने को कहा, जिससे उन्होंने इंकार कर दिया.
-18 मार्च 2000 : विन चड्ढा ट्रायल के लिए भारत आए।
-20 दिसंबर 2000 : क्वात्रोची की मलेशिया में गिरफ्तारी, लेकिन जमानत पर रिहा।
-24 अक्टूबर 2001: विन चड्ढा की हार्ट अटैक से मौत।
-2 दिसंबर 2002 : मलेशिया की अदालत ने भारत के क्वात्रोची के प्रत्यर्पण की मांग ठुकराई।
-28 जुलाई 2003 : ब्रिटेन ने क्वात्रोची के बैंक एकाउंट जब्त किए।
-4 फरवरी 2004 : दिल्ली हाईकोर्ट ने राजीव गांधी का नाम बोफोर्स आरोपियों की सूची से हटाने के आदेश दिए।
-31 दिसंबर 2005 : सीबीआई ने माना कि उन्हें क्वात्रोची के लंदन के दो बैंक एकाउंट की रकम और बोफोर्स की रिश्वत का कोई संबंध नहीं मिला।
-7 जनवरी 2006 : क्वात्रोची के लंदन बैंक के दो फ्रीज एकाउंट फिर शुरु हुए।
-6 फरवरी 2007 : क्वात्रोची को इंटरपोल के नोटिस के बाद अर्जेंटीना में गिरप्तार किया
-24 फरवरी 2007 : दिल्ली कोर्ट ने क्वात्रोची के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
-नवंबर 2008 : क्वात्रोची के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस वापस लिया गया।
-29 सितंबर 2009 : सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे क्वात्रोची के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले रहे हैं।
-3 जनवरी 2010 : इंकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने कहा कि क्वात्रोची और विन चड्ढा को 23 साल बोफोर्स तोप खरीदी में कमीशन का भुगतान किया गया। यह रकम करीब 41 करोड़ रुपए थ
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